Description
जीवन के कई पहलू हैं : परिवार, रिश्ते, शिक्षा, करियर, रोजगार, स्वास्थ्य और न जाने कितनी ऐसी चीजें, जिन पर निर्भर होती है हमारी खुशहाली और कामयाबी। समय की धारा में बहते, हम इनमें कहीं न कहीं उलझते, अटकते और लड़खड़ाते रहते हैं। जीवन-सागर में ऐसी भी लहरें उठती हैं, जिनकी चपेट में आकर हम डूबने-से लगते हैं। तब हमें तलाश होती है एक नाव की, एक पतवार की, एक नाविक की जो हमें भवसागर पार करा दे। सद् गुरु और उनकी यह किताब जीवन के लिए उसी नाविक का काम करती है जो हमारी जीवन-नैया को भंवर से बाहर निकालती है।